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लेखनी प्रतियोगिता -06-Feb-2022

स्वर कोकिला: लता मंगेशकर 

कोकिला का आज टूट गया तान, 
कितने शिद्दत से लोग सुबह उठकर, 
उनकी हर एक मुरकी पर सजाते थे अरमान। 

आपका जाना हर किसी को दे रहा संताप, 
आंसूओं को छुपाना असहनीय हो रहा, 
सबके दिलोंं में कितना बिखर रहा ख़ुद से माप। 

हर भाव में गाना आपने गाया था, 
हर सुर के संग सबके दिलोंं पर राज करती आई थी, 
अब उस आवाज़ को सुनने को जमाना तरस जाएगा। 

आज क्षितिज पर भी सूरज ऊगा नहीं है, 
दुखों के सागर से कोई उबर नहीं पाएगा, 
लगता एक अनोखा सदी का अंत हो गया है। 


 

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1 Comments

Swati chourasia

06-Feb-2022 09:24 PM

बहुत खूब 👌😢

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